Rajim News: धर्म -धरा राजिम से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का हैं गहरा नाता
#Rajim_News: गरियाबंद -राजिम-नवापारा । #अयोध्या में #रामलला के #प्राण_प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। कलश में लेकर आए अक्षत का हर घर वितरण हो रहा है तथा उन्हें आमंत्रित भी किया जा रहा है जिसके चलते धर्म-कर्म का माहौल बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक धर्म नगरी राजिम में भगवान रामचंद्र वनवास काल के दौरान महर्षि लोमस से मिलने के लिए त्रेता युग में नदी मार्ग से होते हुए त्रिवेणी संगम पहुंचे हुए थे .
Rajim News: उन्होंने तट पर स्थित आश्रम में महर्षि लोमस से मिले और कमलक्षेत्र में ही चौमासा व्यतीत किया था। डां. मन्नूलाल यदु अपने लेख में लिखा हैं कि रामचंद्र चौमासा रुककर यहां उपस्थित आसुरी शक्तियों का समूल नाश किया था। उनके साथ भाई लक्ष्मण और अर्धांगिनी देवी सीता मौजूद थे। वह तुरतुरिया, शिवरीनारायण, खरौद, मल्हार, सिरपुर, आरंग होते हुए फिंगेश्वर के मांडव्य ऋषि आश्रम से राजिम आए और पंचकोशीय यात्राएं की। रामचंद्र के अतरमरा के अत्रि आश्रम पहुंचने की भी जानकारी मिलती है। वह सिरक्ट्टी होते हुए धमतरी के मधुबन से होकर दक्षिण की ओर निकल पड़े थे।
Read more: https://newsplus21.com/rajim-news-maryada-purushottam-lord-shri-ram-has-a-deep-connection-with-religion-dhara-rajim/
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Rajim News: उन्होंने तट पर स्थित आश्रम में महर्षि लोमस से मिले और कमलक्षेत्र में ही चौमासा व्यतीत किया था। डां. मन्नूलाल यदु अपने लेख में लिखा हैं कि रामचंद्र चौमासा रुककर यहां उपस्थित आसुरी शक्तियों का समूल नाश किया था। उनके साथ भाई लक्ष्मण और अर्धांगिनी देवी सीता मौजूद थे। वह तुरतुरिया, शिवरीनारायण, खरौद, मल्हार, सिरपुर, आरंग होते हुए फिंगेश्वर के मांडव्य ऋषि आश्रम से राजिम आए और पंचकोशीय यात्राएं की। रामचंद्र के अतरमरा के अत्रि आश्रम पहुंचने की भी जानकारी मिलती है। वह सिरक्ट्टी होते हुए धमतरी के मधुबन से होकर दक्षिण की ओर निकल पड़े थे।
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